आम के फल मटर के दाने एवं लीची के लौंग के बराबर के हो तब बागवान क्या करें ? आम को फलों का राजा एवं लीची को फलों की रानी कहा जाता है । लीची पर हम बिहारवासियों को गर्व होता है।इसे हम प्राइड ऑफ बिहार भी कहते है। दरभंगा बिहार को आम की राजधानी कहा जाता है। इन दोनों फलों से अधिकतम लाभ लेने के लिए आवश्यक है की फल के विकास की विभिन्न अवस्थाओं में वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन किया जाय। आम एवं लीची में फल लग जाने के बाद यदि बाग का वैज्ञानिक ढंग से यदि प्रबंधन नही किया गया तो आशातीत लाभ नहीं प्राप्त होता है। जब आम के फल मटर के बराबर एवं लीची के फल लौंग के आकार के हो जाय तबसे बाग में हल्की-हल्की सिंचाई करके मिट्टी को हमेशा नम बनाये रखना चाहिए, इससे फल की बढवार अच्छी होती है। पेड़ के आस पास जलजमाव न होने दे।बाग को साफ सुथरा रखना चाहिए। इसके पहले सिंचाई करने से फल झड़ने की संभावना ज्यादा रहती हैं। प्लानोफिक्स@1मिली /4लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें। जब आसमान में बादल रहेंगे तब पाउड़ेरी मिल्डेव (चूर्डिल आसिता) रोग होने की संभानाएं ज्यादा रहती है इसके बचाव के लिए आवश्यक है कि तरल सल्फर कवकनाशक दवा@
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