Skip to main content

Posts

Showing posts from October, 2021

जैविक खेती- गुड़ और अदरक से बनाये फफूंदरोधी रसायन

   जैविक खेती- गुड़ और अदरक से बनाये फफूंदरोधी रसायन ⭕जहरीली होती आवोहवा..., प्रतिदिन तरह-तरह की सामने आ रहीं बीमारियां और इन बीमारियों से जूझते लोगों की समस्या डॉक्टरों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। हैरानी की बात तो यह है कि अधिकांश बीमारियां असंतुलित खानपान के चलते हो रही हैं। जिसमें डॉक्टरों ने यह पाया है कि रासायनिक खाद से तैयार किया गया अनाज, फल व सब्जियां मानव जीवन के लिए घातक हैं। ऐसे में अब लोगों के पास जैविक उत्पाद ही सुरक्षा कवच का काम करेगा। इसके लिए अधिकांश किसान अब जैविक कृषि की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। 🔰 हमारी 🌱 फसलों को विभिन्न प्रकार के फफूंदी जनित रोग हमारी फसलों को प्रभावित करते हैं। जैसे फसलों की पत्तियों, तनों, शाखाओं, कंदों और फलों को सड़ा कर नष्ट कर देते हैं। ⭕ ऐसी समस्याएं हमारी फसलों में न आएं उसके लिए आज हम आपको बताने जा रहे है कि   फफूंदी नाशक रसायन घर पर कैसे तैयार करें और इसका इस्तेमाल कैसे करें। 🔰 आवश्यक सामग्री 🔹 1 किलोग्राम गुड़ 🔸 1 किलोग्राम अदरक 🔹 एअर टाईट प्लास्टिक या काँच के पात्र। ✅ बनाने की आसान विधि 👉 1 किलो अदरक को ...

जैविक खेती:- किचन गार्डनिंग की किताब से सीखें घर पर जैविक सब्जी उगाने की तकनीक

   जैविक खेती:- किचन गार्डनिंग की किताब से सीखें घर पर जैविक  सब्जी उगाने की तकनीक   रुनिजा माधवपुरा के एक युवा कृषि विशेषज्ञ तेजराम नागर ने 2015 में ग्वालियर से एमएससी एग्रीकल्चर एग्रोनॉमी की उपाधि प्राप्त की और कृषि  अनुसंधान कार्यों में अपना करियर को शुरू किया शहरी क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के लिए नागर ने  एक सराहनीय कार्य किया है। शहरी क्षेत्र के नागरिक अपने घर पर जैविक सब्जी उगा कर खा सकते हैं। एक आहार विशेषज्ञ के अनुसार 300 ग्राम सब्जी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन खाना चाहिए लेकिन इस सब्जी की बहुत कम मात्रा हम लोग प्रतिदिन खाते हैं। प्रगतिशील देशों में अनाज को कम खाया जाता है और फल सब्जियों को अपने भोजन में अधिक सम्मिलित किया जाता है जिस से  स्वास्थ्य अच्छा रहता है लंबी आयु मिलती हैं। सब्जी हमारे भोजन का मुख्य आहार हैं और यह दैनिक जीवन में सबसे पहले हमें ताजी सब्जियों की आवश्यकता होती हैं।    इन सब्जियों को हम बाजार से खरीदते हैं यदि इन्हीं सब्जियों को घर पर उगाए और खाएं  तो लाजवाब स्वाद और अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा  इन सब्जियों क...

पेनिकल माइट/पेनिकल ब्लाइट

किस्म- रबी में कर रहे है गेंहूं फसल की तैयारी तो रखे जरूर इन किस्मो के बारे में जानकारी

🌱किस्म- रबी में कर रहे है गेंहूं फसल की तैयारी तो रखे जरूर इन किस्मो के बारे में जानकारी❗  भारत में गेहूँ एक मुख्य फसल है। गेहूँ का लगभग 97% क्षेत्र सिंचित है। गेहूँ का प्रयोग मनुष्य अपने जीवनयापन हेतु मुख्यत रोटी के रूप में प्रयोग करते हैं, जिसमे प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। भारत में पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश मुख्य फसल उत्पादक क्षेत्र हैं। गेहूं की फसल से भरपूर एवं बंपर पैदावार लेने के लिए बीज का चयन करना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि अच्छी किस्मों से ही हमें अच्छी उपज मिल सकती है।  इसके लिए गेहूं की खेती में बीज का चयन करना बहुत जरुरी होता है। ▶️ कम पानी वाली किस्में (एक से 2 -3 पानी में तैयार होने वाली किस्में) - 🔸 अमर 🔹 अम्रिता 🔸 हर्षिता 🔹 मालव कीर्ति 🔸 पूसा बहार 🔹 पूसा उजाला 🔰 अधिक पानी वाली किस्में (4 से 6 पानी में तैयार होने वाली किस्में) - 🔹 पूर्णा 🔸 पोषण 🔹 पूसा तेजस  🔸 पूसा मंगल 🔹 पूसा अनमोल 🌱 देरी से बुवाई हेतु उन्नत किस्में - 👉 MP - 4010 👉 JW - 173 👉 HI - 1454 👉 JW - 1202 👉 HI - 1418 👉 HD - 2285 👉 HD - 28...

औषधि ज्ञान:- औषधियों में विराजमान नवदुर्गा

   औषधियों में विराजमान नवदुर्गा घर_में_9_पौधे_अवश्य_लगाएं ... एक मत यह कहता है कि ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा नौ विशिष्ट औषधियों में विराजमान हैं। 1. शैलपुत्री (हरड़)🌱🌱 कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है। यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है। 2. ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी)🌱🌱 ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है। इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है। 3. चंद्रघंटा (चंदुसूर)🌱🌱 यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं। 4. कूष्मांडा (पेठा)🌱🌱 इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है। इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिक रोगों में यह अमृत समान है। 5. स्कंदमाता (अलसी)🌱🌱 देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है। 6. का...

गुच्छी मशरूम: दुनिया का सबसे महंगे मशरूम की खासियत आपको भी जाननी चाहिए!तीस हजार प्रति किलोग्राम है कीमत!

गुच्छी मशरूम: दुनिया का सबसे महंगे मशरूम की खासियत आपको भी जाननी चाहिए!तीस हजार प्रति किलोग्राम है कीमत! #आवाज_एक_पहल हिमालय के पहाड़ी और जंगली इलाकों में जब आसमानी बिजली गिरता है तो उसी समय कुदरत की कोख से एक दिव्य औषधीय मशरूम की जन्म होता है जिसे हम गुच्छी के नाम से जानते हैं।इसके उगने का समय सितम्बर से दिसम्बर तक होता है।  हिमालय के तराई में रहने वाले लोगों के लिए यह संजीवनी के समान है। इस सब्जी की खासियत यह है कि यह जिस जगह पर एक जगह पैदा हो जाती है वहां दोबारा से नहीं होती है, जिस वजह से लोगों को इसे खोजने में काफी समय लगता है। ₹30000 से अधिक कीमत में बिकने वाला गुच्छी (Gucchi) जो एक प्रकार का जंगली मशरूम है जिसे पकाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करना पड़ती है. हालांकि दिल के रोगों के लिए कारगर मानी जाती है. वहीं कई प्रकार के पौषक तत्व इसमें होते हैं, जिस वजह से यह इतनी महँगी होती है. विटामिन से भरपूर गुच्छी की सब्जी बनाने का भी एक ख़ास तरीका होता है.  सबसे लज़ीज पकवान गुच्छी की सब्जी काफी लज़ीज़ तरीके से बनती है, जिसमें ड्राय फ्रूट्स, सब्जियों और देशी घी का उपयोग होता है. बेहद दु...

औषधि ज्ञान:- जुनिपर बेरी के बारे में जाने।

#जुनिपर बेरी #हाउ बेर ■□■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ कृषक कनेक्शन इसका वानस्पतिक नाम जूनिपेरस कम्यूनिस है यह सप्रेसेस्सी परिवार का सदस्य है इसकी फलियां काफी उपयोगी होती है। इन्हें निम्नाकिंत नामो से भी जाना जाता है। #भारतीय नाम हिन्दी : अरार संस्कृत : हापुषा विदेशी नाम Arabic : Arar Chinese : Du song Czech : Jalovec French : Genevrier German : Wacholder Italian : Ginepro Spanish : Enebro/Junipero Dutch : Jeneverbes #विवरण जूनिपर एक सदाहरित झाडी है जो कभी-कभी छाल से आच्छाादित ऊर्ध्व तना एवं फैली शाखाओं सहित तीन मीटर तक की ऊचाई तक बढनेवाला छोटे वृक्ष के रूप में पाया जाता है। तनों का व्यास 25-30 से.मी. होता है। पत्ते सीधे और कडे, अण्डाकार, करीब 6-13 मि.मी. लंबे और कंटीली नोकवाले होते हैं। यह एकलिंगाश्रयी पौधा है। अप्रैल एवं मई में पुंजातीय और स्त्रीजातीय फूल सामान्यत: अलग अलग पौधों में खिलते हैं। पुंजातीय फूल छोटी मंजरियों में और स्त्रीजातीय फूल लघु शंक आकार में। मांसल फलियाँ जैसे इसके फल पकने पर नीलाभ, गहरे बैंगनी रंग के मोमी फलभित्तियों से आच्छादित 10-13 मि.मी. व्यास वाले होते हैं। तीन परतो...