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Showing posts from September, 2023

ग्लास_जैम_कॉर्न-ऐसे रंगीन भुट्टे आपने शायद ही देखे होंगे।

#ग्लास_जैम_कॉर्न🌽 ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ आपने जब इन तस्वीरों को देखा होगा तो पहली नजर में आपको भी ये भुट्टे बनावटी लग रहे होंगे। लगे भी क्यों न! दरअसल हम लोगों ने तो हमारे #छत्तीसगढ़ में अभी तक सिर्फ पीले रंग के ही भुट्टे देखे हैं। पर जनाब आपको जानकर हैरानी होगी कि रंगीन भुट्टे की भी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। और इसका नाम है #ग्लास_जैम_कॉर्न ।🌽 मैं जानता हूँ कि कई लोग इसका नाम जानकर गूगल पर जरूर सर्च करेंगे। इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए आवश्यक भी है। दरअसल ये #भुट्टे 🌽अमेरिका में विकसित किए गए हैं और वहाँ के किसान इसका भारी मात्रा में उत्पादन व बिक्री करते हैं। दुनिया के बाकी हिस्से के लोगों के लिए आज भी यह रंगीन भुट्टा कल्पना से परे है। हालाँकि अमेरिका के अलावा भी अब कुछ देशों के किसान शौकिया तौर पर इसकी खेती कर रहे हैं। हजारों सालों से अमेरिका के लोगों ने मक्के को अपनी जीवनशैली में शामिल किया है, इसलिए शायद यहाँ भुट्टे के अलग-अलग रूप को विकसित करने का काम चलता रहता है। फिलहाल अमेरिका में पाए जाने वाले ये भुट्टे आज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे है। ⭕यदि इ

सावधान:-4-5 सालों से हो रही है धान की बाली बदरंग (बदरा) जाने कारण व निवारण

सावधान:-4-5 सालों से हो रही है धान की बाली बदरंग (बदरा) जाने कारण व निवारण प्रायः देखा जाता है कि सितम्बर -अक्टूबर माह में जब धान की बालियां निकलती है तब धान की बालियां बदरंग हो जाती है। जिसे छत्तीसगढ़ में 'बदरा' हो जाना कहते है इसकी समस्या आती है।  धान की फसल पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं, खुली आंखों से नजर नहीं आने वाले दुश्मन पिछले 4-5 सालों से घातक साबित हो रहे हैं और किसानों के मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। मकड़ी और बैक्टीरिया धान की फसल को बर्बाद कर नुकसान पहुंचा रहा है। इससे धान की जो फसल नष्ट हो जाती है, उसे तो बचाया नहीं जा सकता, किन्तु समय रहते इसकी पहचान हो जाती है तो फसलों को उपचारित कर बचाया जा सकता है। वहीं सभी किसानों को भी अलर्ट रहना होगा, क्योंकि छत्तीसगढ़ की पहचान धान है और ये कीट व्याधि छिपकर इसी पहचान पर हमला कर रहे है। अनुविभागीय कृषि अधिकारी जिला गरियाबन्द श्री रमेश निषाद ने बताया कि यह दो कारणो से होता है। 1.पेनिकल माइट एक सूक्ष्म अष्टपादी जीव पेनिकल माइट के कारण होता है।   2. बैक्टीरिया (बैक्टीरियल पेनिकल ब्लाइट) धान की लीकशीय और बालियों पर मकड़ी के खरोच से

धान खरीदी :-अब बायोमेट्रिक आधारित होगी धान खरीदी, किसानों को समिति में पंजीयन कराना है अनिवार्य

धान खरीदी:-अब बायोमेट्रिक आधारित होगी धान खरीदी, समिति में पंजीयन अनिवार्य विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में पारदर्शिता लाने के लिए बायोमेट्रिक आधारित खरीदी प्रणाली लागू की गई है। जिसमें किसान अपना बायोमेट्रिक आधार (अंगूठा लगाकर) धान विक्रय कर सकते है। नवीन पंजीयन एवं पंजीयन में संशोधन हेतु अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक निर्धारित किया गया है। कृषकगण अपना पंजीयन कार्य निर्धारित तिथि के पूर्व अपने संबंधित समिति में जाकर पूर्ण करा लेवें, जिससे धान, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी, के समर्थन मूल्य में विक्रय तथा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभ प्राप्त करने में किसी प्रकार का कोई भी समस्या उत्पन्न न हो। उप संचालक कृषि ने बताया कि किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान कोई असुविधा न हो इसके लिए उनके परिवार या रिश्तेदारों को नामिनी बनाने की सुविधा प्रदान की गई है। जिसके आधार पर स्वतः उपस्थित होकर या उनके नामिनी के द्वारा धान का विक्रय किया जा सकेगा। नामिनी के रूप में किसान अपने परिवार के नामित सदस्य माता, पिता, पति पत्नि, पुत्र, पुत्री,