Skip to main content

Posts

Showing posts from May, 2022

नरेंद्र शिवानी किस्म:-एक 8 फुट लंबी लौकी जो एक बार मे चार परिवारों का भर सकती है पेट

नरेंद्र शिवानी  किस्म :- एक 8 फुट लंबी लौकी जो एक बार मे चार परिवारों का भर सकती है पेट आपने लौकी का स्वाद तो जरूर लिया होगा। लेकिन कभी ऐसी लौकी नहीं देखी होगी जो एक साथ पांच से छह परिवारों का पेट भर दे। ऐसी ही एक  लौकी  की किस्म है ये जो काफी समय से आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।इस लौकी की लंबाई पांच फीट तीन इंच है। अगर आप  भी मेरी तरह इस सब्जी को उगाने वाले किसान के बारे में सोच रहे हैं, तो आज का लेख केवल आपके लिए है! उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की एक विशाल लौकी (लौकी) के खिलाफ अपनी ऊंचाई मापने की एक तस्वीर वायरल हो रही है। लौकी की यह किस्म जो अपने असामान्य फलों की लंबाई के कारण चर्चा में है, 'नरेंद्र शिवानी' कहलाती है। इसे 2007 में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (NDUAT), कुमारगंज के एक संकाय सदस्य प्रोफेसर शेओ पूजन सिंह द्वारा विकसित किया गया था।   प्रो एसपी सिंह, जो किसानों और साथी वैज्ञानिकों के बीच 'लौकी पुरुष' (लौकी आदमी) के रूप में लोकप्रिय हैं, का जन्म 5 जून 1953 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के

सुगंधित धान:-गरियाबंद में महकेगी छत्तीसगढ़ देवभोग धान की खुशबू

सुगंधित धान:-गरियाबंद में महकेगी छत्तीसगढ़ देवभोग धान की खुशबू जो किसान सुगंधित धान की खेती करना चाहते है लेकिन उन्हें बीज नही मिल रहा है तो उनके लिए खुशखबरी है। कृषि विभाग जिला- गरियाबंद किसानों को छत्तीसगढ़ देवभोग का बीज उपलब्ध करा रहे है। छत्तीसगढ़ देवभोग किस्म का धान लगाने से राजीव गांधी न्याय योजना अंतर्गत मिलेगा 10000/-रुपये की आदान सहायता राशि। ■श्री राम लला को लगेगा छत्तीसगढ़ देवभोग का भोग ■इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पुरारि सीड्स को इसी किस्म का  120 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित धान की उन्नत किस्म छत्तीसगढ़ देवभोग की खुशबू उत्तरप्रदेश के अयोध्या तथा आस-पास के क्षेत्रों में भी महकेगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की उपस्थिति में आज यहां कृषि विश्वविद्यालय एवं पुरारि सीड्स कम्पनी अयोध्या के बीच पूर्व में हुए समझौते के तहत कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पुरारि सीड्स को देवभोग धान के 120 क्विंटल बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। यह बीज अयोध्या और आस-पास के 1200 एकड़ खेतों में लगाए जाएंगे। संचालक अनुसंधान डॉ.

खरीफ की फसलों के लिए डी.ए.पी. के स्थान पर विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों का फसलवार उपयोग करने की सिफारिश मात्रा

 खरीफ की फसलों के लिए डी.ए.पी. के स्थान पर विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों का फसलवार उपयोग करने की सिफारिश मात्रा  खरीफ की फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए डी.ए.पी. के स्थान पर अन्य उर्वरकों का उपयोग किया जा सकता है। फसलवार उर्वरक अनुशंसा के आधार पर निम्न विकल्प हो सकते हैं। ⭕️ धान एवं मक्का फसल  धान एवं मक्का फसल के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन. पी. के.-40:24:16 (नाईट्रोजन40, फास्फोरस 24, पोटाश 16 ) कि.ग्रा. प्रति एकड़ मात्रा आपूर्ति के लिए निम्न उर्वरक एवं मात्रा का उपयोग किया जाए :- यूरिया – एक बोरी (50 कि.ग्रा.). एन.पी.के. (20:20:0:13 ) दो बोरी ( 100 कि.ग्रा.) एवं पोटाश (27 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया ( 65 कि.ग्रा.) एवं एन. पी. के. ( 12.32:16 ) – दो दोरी(100 कि.ग्रा.) एवं सिंगल सुपर फास्फेट (50 कि.ग्रा.) अथवा यूरिया दो बोरी ( 100 कि.27 कि.ग्रा. ग्रा.), सिंगल सुपर फास्फेट तीन बोरी ( 150 कि.ग्रा.) एवं पोटाश प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट कम से कम 1 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। ⭕️दलहन फसल खरीफ दलहनी फसलों के लिए अनुशंसित पोषक तत्व एन. पी. के. 8:20:8

बैंगन में फली छेदक और झुलसा की अचूक दवा

🍆 बैंगन में फली छेदक और झुलसा की अचूक दवा 🍆 बैंगन की खेती करने वाले किसान अक्सर कीट-रोगों से परेशान रहते हैं। 🐛 खासकर फली छेदक और झुलसा रोग से किसानों को काफी नुकसान होता है जिससे 🍆 बैंगन की पूरी फसल खराब हो जाती है। आज की ▶️ वीडियो में हम जानेंगे बैंगन की फसल से कैसे करें कीट-रोगों का प्रबंधन- 🍆 बैंगन की फसल को फली छेदक और झुलसा रोग से बचाने के लिए कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें- 🟢 एमेमेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी @ 0.5 ग्राम प्रति लीटर 🟠 फ्लुबेंडियामाइड (फेम) @ 0.5 मिली प्रति लीटर 🟣 फिप्रोनिल (रीजेंट) @ 0.4 मिली प्रति लीटर 🟢 क्लोरॅन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 का छिडकावं   एससी (कोराजन) @ 0.4 मिली प्रति लीटर 🔴 सुपर डी 30 मिली / 15 लीटर पानी (क्लोरपाइरीफोस 50% और साइपरमेथ्रिन 5% डब्लयू / डब्लूयएल) 🟠 प्रोरिन 30 मिली / 15 लीटर पानी (प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी) 🟢 6 मिली / 15 लीटर पानी (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी) 🟣 एम्प्लिगो 8 मिली / 15 लीटर पानी ((क्लोरेंट्रानिलिप्रोल (10%) + लैम्बडासिहलोथ्रिन (5%) जेडसी-) 🟠 डेसिस 100 - 20 मिली / 15 लीटर पानी (ड