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खरीफ 2025 बीज दर

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PM -KISAN-जाने आखिर कब आएगी किसानों के खाते मे प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 16वीं किस्त।

  PM -KISAN-जाने आखिर कब आएगी किसानों के खाते मे प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 16वीं किस्त।    घर बैठे चेक कर लें लिस्ट में अपना नाम केंद्र सरकार द्वारा जरूरतमंद किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Yojana) के तहत आर्थिक मदद प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत हर लाभार्थी को 6 हजार रुपए की धनराशि दी जाती है. बता दें कि अभी तक केंद्र सरकार द्वारा किसानों के खाते में कुल 15 किस्तें सीधे खाते में ट्रांसफर की जा चुकी हैं. अब किसानों को पीएम किसान योजना की आठवीं किस्त (PM Kisan Yojana 16th installment) का इंतजार है.   3 किस्तों में मिलता है पैसा पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की राशि किसानों को 3 किस्तों में भेजी जाती है. हर किस्त में 2-2 हजार रुपए दिए जाते हैं. इस योजना के तहत अप्रैल-जुलाई के बीच पहली किस्त भेजी जाती है, तो वहीं अगस्त से नवंबर महीने के बीच दूसरी और दिसंबर से मार्च के बीच तीसरी किस्त भेजी जाती है. लाभार्थी घर बैठे चेक करें लिस्ट में अपना नाम सबसे पहले पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट  https://pmkisan.gov.in/  पर जाएं। ●यहां अब राइट सा

PM -KISAN-जाने आखिर कब आएगी किसानों के खाते मे प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 16वीं किस्त।

PM -KISAN-जाने आखिर कब आएगी किसानों के खाते मे प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 16वीं किस्त।    घर बैठे चेक कर लें लिस्ट में अपना नाम केंद्र सरकार द्वारा जरूरतमंद किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Yojana) के तहत आर्थिक मदद प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत हर लाभार्थी को 6 हजार रुपए की धनराशि दी जाती है. बता दें कि अभी तक केंद्र सरकार द्वारा किसानों के खाते में कुल 15 किस्तें सीधे खाते में ट्रांसफर की जा चुकी हैं. अब किसानों को पीएम किसान योजना की आठवीं किस्त (PM Kisan Yojana 16th installment) का इंतजार है.   3 किस्तों में मिलता है पैसा पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की राशि किसानों को 3 किस्तों में भेजी जाती है. हर किस्त में 2-2 हजार रुपए दिए जाते हैं. इस योजना के तहत अप्रैल-जुलाई के बीच पहली किस्त भेजी जाती है, तो वहीं अगस्त से नवंबर महीने के बीच दूसरी और दिसंबर से मार्च के बीच तीसरी किस्त भेजी जाती है. लाभार्थी घर बैठे चेक करें लिस्ट में अपना नाम सबसे पहले पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट  https://pmkisan.gov.in/  पर जाएं। ●यहां अब राइट साइड

पपीते की खेती

अगर आप भी घर में बागवानी करने के शौखिन है तो घर में जमीन पर या गमले में फलों की खेती कर सकते हैं। वास्तु की माने तो फलदार पेड़ बहुत शुभ होते हैं और घर के आसपास फलदार पेड़ों को लगाने से संतान की प्राप्ति होती है। इसलिए घर के आसपास आंवला, अमरूद, अनार, पपीता आदि फलदार पेड़ों को लगाना चाहिए। आज के पोस्ट में हम जानेंगे घर मे पपीते की खेती कैसे करे। पपीते में फाइबर और पानी की मात्रा प्रचुर होती है। पपीते के घरेलू फल का स्वाद बाजार से खरीदे गए फल की तुलना में अधिक मीठा होता है। पपीता उगाने के लिए आप बाजार से पपीता खरीद कर भी बीज तैयार कर सकते है। शुरूआत में आप पपीता के बीज से पौधे को उगाने के लिए 8 से 10 इंच के पॉट या गमले का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन बाद में पपीते के पौधे को 18 से 30 इंच के गमले या ग्रो बैग में लगाये। इससे पौधे की वृद्धि बहुत अच्छी तरह से होती है और उसमें स्वस्थ फूल एवं फल लगते हैं। पपीते की किस्म और खासियत◆● ★ पूसा नन्हा: यह पपीता की एक अत्यन्त बौनी किस्म है, जिसमें 15 से 20 सेंटीमीटर ज़मीन की सतह से ऊपर फल लगना प्रारम्भ हो जाते हैं। इसका पौधा गमले में लगाया जा सकता है। यह

किसान सुविधा:- खरीदी 2023-धान पंजीयन में धान का बिक्री हेतु पंजीकृत रकबा, धान बिक्री का पैसा, टोकन प्राप्ति की स्थिति इत्यादि अपने मोबाईल से ऐसे चेक करें।

किसान सुविधा:- धान पंजीयन में धान का बिक्री हेतु पंजीकृत रकबा,धान बिक्री का पैसा, टोकन प्राप्ति की स्थिति इत्यादि अपने मोबाईल से ऐसे चेक करें। आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-2024 में 20 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी का निर्णय लिया गया है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक नवंबर-2023 से धान खरीदी बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत शुरू होगी और 31 जनवरी 2024 तक चलेगी। इसी तरह मक्का खरीदी भी एक नवंबर 2023 से ही शुरू होगी और 28 फरवरी 2024 तक चलेगी। इस वर्ष आंकड़ों की माने तो किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में 1 नवंबर 2023 से धान खरीदी का कार्य शुरू हो रही है, जिसकी तैयारी की जा रही है। वर्तमान में किसानों का धान बिक्री हेतु नया पंजीयन, रकबा संसोधन, कैरीफॉरवर्ड, नॉमिनी फॉर्म जमा एवं धान के बदले अन्य फसल जो लगाएं हैं, उनका पंजीयन सहकारी समिति द्वारा किया जा रहा है। किसी भी तरह की फर्जी खरीदी रोकने के लिए इस साल आधार नंबर बायोमेट्रिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसमें धान बेचने के लिए किसानों को स्वयं अथवा उनके द्वारा नामित व्यक्ति धान बेचते समय अ

पपीता की व्यावसायिक खेती से प्रति हेक्टेयर होगी 10 लाख की आमदनी

पपीता की व्यावसायिक खेती से प्रति हेक्टेयर होगी 10 लाख की  आमदनी! #आवाज_एक_पहल  भारत में पपीता अब से लगभग 300वर्ष पूर्व में आया था। आरंभ में हम भारतवासियों ने इसे कतई भी पसंद नहीं किया। समय बीतने के पश्चात इसके क्वालिटी में सुधार हुआ और तब हमारे जायकों में इसको जगह मिलने लगी। शीघ्र फलनेवाले फलों में पपीता अत्यंत उत्तम फल है। पेड़ लगाने के बाद वर्ष भर के अंदर ही यह फल देने लगता है। इसके पेड़ सुगमता से उगाए जा सकते हैं और थोड़े से क्षेत्र में फल के अन्य पेड़ों की अपेक्षा अधिक पेड़ लगते हैं। इसके पेड़ कोमल होते हैं और पाले से मर जाते हैं। ऐसे स्थानों में जहाँ शीतकाल में पाला पड़ता हो, इसको नहीं लगाना चाहिए। यहाँ उपजाऊ, दुमट भूमि में अच्छा फलता है। ऐसे स्थानों में जहाँ पानी भरता हो, पपीता नहीं बढ़ता। पेड़ के तने के पास यदि पानी भरता है तो इसका तना गलने लगता है। पपीते के खेत में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए।  पपीते के पेड़ों में नर एवं मादा पेड़ अलग होते हैं। नर पेड़ों में केवल लंबे-लंबे फूल आते हैं। इनमें फल नहीं लगते। जब पेड़ फलने लगते हैं तो केवल १० प्रतिशत नर पेड़ों को छोड़कर अन्य सब

ग्लास_जैम_कॉर्न-ऐसे रंगीन भुट्टे आपने शायद ही देखे होंगे।

#ग्लास_जैम_कॉर्न🌽 ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ आपने जब इन तस्वीरों को देखा होगा तो पहली नजर में आपको भी ये भुट्टे बनावटी लग रहे होंगे। लगे भी क्यों न! दरअसल हम लोगों ने तो हमारे #छत्तीसगढ़ में अभी तक सिर्फ पीले रंग के ही भुट्टे देखे हैं। पर जनाब आपको जानकर हैरानी होगी कि रंगीन भुट्टे की भी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। और इसका नाम है #ग्लास_जैम_कॉर्न ।🌽 मैं जानता हूँ कि कई लोग इसका नाम जानकर गूगल पर जरूर सर्च करेंगे। इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए आवश्यक भी है। दरअसल ये #भुट्टे 🌽अमेरिका में विकसित किए गए हैं और वहाँ के किसान इसका भारी मात्रा में उत्पादन व बिक्री करते हैं। दुनिया के बाकी हिस्से के लोगों के लिए आज भी यह रंगीन भुट्टा कल्पना से परे है। हालाँकि अमेरिका के अलावा भी अब कुछ देशों के किसान शौकिया तौर पर इसकी खेती कर रहे हैं। हजारों सालों से अमेरिका के लोगों ने मक्के को अपनी जीवनशैली में शामिल किया है, इसलिए शायद यहाँ भुट्टे के अलग-अलग रूप को विकसित करने का काम चलता रहता है। फिलहाल अमेरिका में पाए जाने वाले ये भुट्टे आज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे है। ⭕यदि इ