जीरो बजट खेती की शुरुआत कर रहे है तो ये पोस्ट आपके लिये बहुत कम की है। जीरो बजट का अर्थ है। चाहे कोई भी अन्य फसल हो या बागवानी की फसल हो। उसकी लागत का मूल्य जीरो होगा। मुख्य फसल का लागत मूल्य आंतरवर्तीय फ़सलों के या मिश्र फ़सलों के उत्पादन से निकाल लेना और मुख्य फसल बोनस रूप में लेना या आध्यात्मिक कृषि का जीरो बजट है। फ़सलों को बढ़ने के लिए और उपज लेने के लिए जिन-जिन संसाधनों की आवश्यकता होती है। वे सभी घर में ही उपलब्ध करना, किसी भी हालत में मंडी से या बाजार से खरीदकर नहीं लाना। यही जीरो बजट खेती है। हमारा नारा है। गांव का पैसा गांव में, गांव का पैसा शहरों में नहीं। बल्कि शहर का पैसा गांव में लाना ही गांव का जीरो बजट है। फ़सलों को बढ़ने के लिए जो संसाधन चाहिए वह उनके जड़ों के पास भूमि में और पत्तों के पास वातावरण में ही पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। ऊपर से कुछ भी देने की जरुरत नहीं। क्योंकि हमारी भूमि अन्नपूर्णा है। हमारी फसलें भूमि से कितने तत्व लेती है। केवल 1.5 से 2.0 प्रतिशत लेती है। बाकी 98 से 98.5% हवा सूरज की रोशनी और पानी से लेती है। उद्देश्य :- खेती की लागत कम करके अधिक लाभ ...
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